पंजाब में डीएपी खाद की कमी के लिए मोदी और चन्नी सरकार जिम्मेदार: कुलतार सिंह संधवां

पंजाब में डीएपी खाद की कमी के लिए मोदी और चन्नी सरकार जिम्मेदार: कुलतार सिंह संधवां

पंजाब में डीएपी खाद की कमी के लिए मोदी और चन्नी सरकार जिम्मेदार: कुलतार सिंह संधवां

पंजाब में डीएपी खाद की कमी के लिए मोदी और चन्नी सरकार जिम्मेदार: कुलतार सिंह संधवां

-किसानों को प्रति थैला देने पड़ रहे 200 से 300 रुपये अधिक 

-बुवाई सिर पर होने के बावजूद पंजाब में करीब 1.50 लाख मैट्रिक टन खाद की कमी 

-आपसी खींचतान के कारण लोक व किसानी मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही चन्नी सरकार 

-बदले की भावना में पंजाब के अन्नदाता को निशाना बना रही है मोदी सरकार 

चंडीगढ़, 07 नवंबर 2021 
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि पंजाब में डीएपी खाद की भारी कमी होने के कारण जहां खाद डीलरों द्वारा कालाबाजारी की जा रही है, वहीं गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है। इस कारण प्रदेश और किसानों की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने डीएपी खाद की अचानक कमी के लिए केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की चन्नी सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए इस सोची-समझी किल्लत को किसान और पंजाब के खिलाफ गहरी साजिश करार दिया है। 

पार्टी मुख्यालय से रविवार को जारी बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि किसानों के हितैषी होने का दावा करने वाली केंद्र और पंजाब की सरकारों की बुरी नीयत और नीति फिर से जगजाहिर हुई है, क्योंकि पंजाब में रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं की बुवाई के लिए अत्यावश्यक डीएपी खाद की भारी कमी पाई जा रही है। जहां केंद्र सरकार ने सोची-समझी साजिश के तहत पंजाब को खाद की सप्लाई में देरी की है, वहीं पंजाब की कांग्रेस सरकार समयानुसार खाद का प्रबंध करने में नाकाम हुई है। उन्होंने बताया कि पंजाब में धान की कटाई के तुरंत बाद रबी की फसलों गेहूं, आलू व पशुओं के चारे आदि की बुवाई की जाती है और इन फसलों की बुवाई के लिए डीएपी खाद की अति आवश्यकता होती है। लेकिन ऐसे लगता है कि डीएपी खाद की समयानुसार आवश्यक सप्लाई न देकर केंद्र सरकार पंजाब और पंजाब के किसानों के साथ रंजिश निकाल रही है। 
संधवां ने कहा कि कृषि प्रधान पंजाब में रबी की फसल की बुवाई के लिए 5.5 लाख टन डीएपी की जरूरत है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर में 1.97 लाख मीट्रिक टन और नवंबर में 2.56 लाख मीट्रिक टन खाद की पूर्ति की गई है, जो आवश्यकता से 1 लाख मैट्रिक टन कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार केंद्र से खाद की पूरी मात्रा प्राप्त नहीं कर सकी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 1.50 लाख मीट्रिक टन खाद की कमी पाई जा रही है। 

विधायक संधवां ने कहा कि पंजाब में खाद की सप्लाई करना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे निभाने में केंद्र सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बदले की भावना के साथ पंजाब के अन्नदाता को निशाना बना रही है, ताकि पंजाब के किसानों को मोदी सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ झंडा बुलंद करने की सजा दी जा सके। 
कुलतार सिंह संधवां ने चन्नी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब सरकार आपसी लड़ाई के चलते लोक मुद्दों और किसान की जरूरतों को पूरा करने में लगातार विफल साबित हो रही है, क्योंकि पंजाब सरकार डीएपी खाद का समयानुसार प्रबंध करने में विफल हुई है। 
`आप' नेता का कहना है कि डीएपी की पूरी सप्लाई नहीं मिलने और पंजाब सरकार के व्यापक प्रबंध करने में विफल होने के कारण प्रदेश में कालाबाजारी बढ़ गई है। इस कारण किसानों पर दबाव बढ़ रहा है और 200 से 300 रुपये प्रति थैला अधिक कीमत देने के लिए किसान मजबूर हो रहे हैं। 
विधायक कुलतार सिंह संधवां ने मांग की है कि केंद्र और पंजाब सरकार जल्द से जल्द प्रदेश में डीएपी खाद का प्रबंध करे, ताकि प्रदेश के किसान रबी की फसलों की समयानुसार बुवाई कर सकें।